मांगि रहल छी हम
अप्पन पहचान
ताहि से सब क़ियो
बनि गेलैथ अंजान।।
कनिक मांगैत छी
एहि माटी के मान
कनिक हमरा चाही, हृदय से सम्मान
विहवल नयना मे, प्रीतक अछिं गान
ताहि से सब क़ियो बनि गेलैथ अंजान।।
कनिक मांगैत छी
अपन ममता क आन
कनिक चाही हमर, बीर पुत्रक सम्मान
मधुर स्वर मे चाही, अप्पन राष्ट्रगान
ताहि से सब क़ियो, बनि गेलैथ अंजान।।
कनिक चाही
सूरज से सविताक नाम
कनिक चाही चंदा से, पूनमक इनाम
सुरक्षित चाहब, कण कण मे आत्मसम्मान
ताहि से सब क़ीयो बनि गेलैथ अंजान।।
#सोनी #चौधरी🙏😊🙏
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