🙏🕉️🚩 सूर्यदेव को जल चढ़ाने से कैसे बदल सकती है भाग्य..!!

इनकी पूजा करने का मतलब है सुबह सूर्य उदय से पहले उठ कर नहाना और फिर सूर्य को जल चढ़ाना। सूर्य को जल चढाने के बारे में हमारे वेद और पुराणों में भी लिखा है।
ऐसा कहा जाता है कि सूर्य को जल चढाने से मान सम्मान मिलता है,मन भी शांत रहता है और शरीर को कोई रोग या बीमारी नहीं होती है। इसके साथ ही ऐसा कहा जाता है कि सूर्य देव जल्द ही मनोकामना पूर्ति के देव भी हैं। सूर्य देव बुद्धि के देवता कहे जाते हैं। आइये जानते हैं सूर्य मंत्र और इसके फायदों के बारे में।

🕉️🚩 सूर्य मंत्र :-

सूर्य देव को जल चढ़ाने से सूर्यदेव की असीम कृपा की प्राप्ति होती है सूर्य भगवान प्रसन्न होकर आपको दीर्घायु , उत्तम स्वास्थ्य, धन, उत्कृष्ट संतान, मित्र, मान-सम्मान, यश, सौभाग्य और विद्या प्रदान करते हैं। इसके लिए सुबह जल्दी उठ कर स्नाना करे और साफ़ कपड़े पहने, फिर एक ताम्बे का लोटा लें और उसमें पानी भरे अब इसमें अष्टगंध, लाल फूल और कुछ अक्षत डालें। अब सूर्य को जल चढ़ाते वक़्त इस मंत्र का जाप करें ऊँ सूर्याय नम: जल चढाने के बाद अपने माथे को ज़मीन पर छुआएं और यह सूर्य मंत्र को अपने मन में बोलें-

ऊँ खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे।
निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।
त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्। 
भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।।

🕉️🚩 हम सूर्य को जल क्यों चढ़ाते हैं? :-

एक बार मंदेहस नाम का एक असुर था जो अरुणम नाम के द्वीप पर रहता था। इस असुर ने ब्रम्हा जी की खूब सपासिया की। जिसे देख कर ब्रम्हा जी इससे खुश हुए और इसे वैदां मांगे को कहा, जिसमें मंदेहस ने सूर्य देव को बंदी बनाने का वरदान मॅंगा। सूर्य देव के बंदी बनाने के बाद पृथ्वी पर अन्धकार छा गया। जिससे लोग बहुत परेशान हो गये। जब ब्रम्हा ने यह सब देखा तो उन्होंने ब्राह्मणों को एक उपाए बताया कि वे सब सुबह गायत्री मंत्र का उच्चारण करके सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसे सूर्य मंडेस राक्षस की कैद से मुक्त हो जाएगा। तब से यह माना जाता है कि मंदेहस राक्षस कहीं फिर से ना आजाये, इसलिए हमे सूर्य को जल देते रहना चाहिए।

🕉️🚩 सूर्य को जल देने के फायदे :-

सूर्य को जल चढ़ाने से व्यक्ति को किसी भी परेशानी को लड़ने के लिए मानसिक, शारीरिक और व्यावहारिक सोच मिलती है।

🕉️🚩 व्यक्ति निडर और वीर बनता :-

व्यक्ति निडर और वीर बनतासूर्य को जल देने से व्यक्ति निडर और वीर बनता है। सूर्य की पूजा से व्यक्ति विद्वान,और बुद्धिमान बनता है। यही नहीं रोज़ सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति अहंकार, क्रोध, लालच, इच्छा और बुरे विचारों दूर रहता है।

🕉️🚩 अर्घ्य सुबह क्यों दी जाती है :-

'सूर्य की गर्मी सुबह के बाद किसी से भी बर्दाश नहीं होती है इसीलिए कहा गया है कि सुबह उठ कर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।

🕉️🚩 तांबे के बर्तन में ही क्यों जल अर्पण की जाती हैं :-

तांबे में पानी को भर कर रखने से, पानी की अशुद्धियाँ दूर होती हैं और पानी पीने लायक होता है। यही नहीं इसमें रखा पानी पीने से कई सारी बीमारियां भी दूर होती है। यही कारण है कि तांबे को बहुत ही शुद्ध धातु माना जाता है।

🙏🕉️🚩 सुनील झा 'मैथिल'
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Gopal Sharma

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