आज का हिन्दू पंचांग दिनांक 03 नवम्बर 2018

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞


⛅ *दिनांक 03 नवम्बर 2018*
⛅ *दिन - शनिवार* 
⛅ *विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)*
⛅ *शक संवत -1940*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - हेमंत*
⛅ *मास - कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अश्विन)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*   
⛅ *तिथि - एकादशी 04 नवम्बर प्रातः 03:13 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 10:44 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
⛅ *योग - इन्द्र 04 नवम्बर प्रातः 03:22 तक तत्पश्चात वैधृति*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:34 से सुबह 10:58 तक* 
⛅ *सूर्योदय - 06:43*
⛅ *सूर्यास्त - 18:00* 
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - रमा एकादशी  (स्मार्त), ब्रह्मलीन मातृश्री श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस*
💥 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *रमा एकादशी* 🌷
➡ *03 नवम्बर 2018 शनिवार को प्रातः 05:11 से 04 नवम्बर, रविवार को प्रातः 03:13 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष ~ 03 नवम्बर 2018 शनिवार को रमा एकादशी  (स्मार्त) 04 नवम्बर, रविवार को रमा एकादशी  (भागवत) है ।*
🙏🏻 *रमा एकादशी ( यह व्रत बड़े – बड़े पापों को हरनेवाला, चिन्तामणि तथा कामधेनु के समान सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाला है |*
🙏🏻 *स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१६ से*
          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *गोवत्स द्वादशी* 🌷
🙏🏻 *कार्तिक मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अश्विन मास) की द्वादशी को गोवत्स द्वादशी कहते हैं । इस दिन यानी 04 नवम्बर 2018 रविवार को दूध देने वाली गाय को उसके बछड़े सहित स्नान कराकर वस्त्र ओढाना चाहिये, गले में पुष्पमाला पहनाना , सींग मढ़ना, चन्दन का तिलक करना तथा ताम्बे के पात्र में सुगन्ध, अक्षत, पुष्प, तिल, और जल का मिश्रण बनाकर निम्न मंत्र से गौ के चरणों का प्रक्षालन करना चाहिये ।*
🌷 *क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते ।*
*सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नमः ॥*
🙏🏻 *(समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से उत्पन्न देवताओं तथा दानवों द्वारा नमस्कृत, सर्वदेवस्वरूपिणी माता तुम्हे बार बार नमस्कार है।)*
🐄 *पूजा के बाद गौ को उड़द के बड़े खिलाकर यह प्रार्थना करनी चाहिए-*
🌷 *“सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता ।*
*सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस ॥*
*ततः सर्वमये देवि*                  
   *मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरू नन्दिनी ॥“*
🙏🏻 *(हे जगदम्बे ! हे स्वर्गवसिनी देवी ! हे सर्वदेवमयि ! मेरे द्वारा अर्पित इस ग्रास का भक्षण करो । हे समस्त देवताओं द्वारा अलंकृत माता ! नन्दिनी ! मेरा मनोरथ पूर्ण करो।) इसके बाद रात्रि में इष्ट , ब्राम्हण , गौ तथा अपने घर के वृद्धजनों की आरती उतारनी चाहिए।*
          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *गोवत्स द्वादशी* 🌷
🐄 *यह चिंतामणि एवं कामधेनु के समान सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाली है अतः इस दिन अवश्य व्रत कर विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ एवं रात्रि कीर्तन के साथ जागरण करें ।*
🙏🏻 *प्रेरणामूर्ति भारती श्रीजी*

📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
           🌞 *~ हिन्दू पंचाग ~* 🌞 
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏
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Gopal Sharma

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