🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 14 अक्टूबर 2018*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2075*
⛅ *शक संवत -1940*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शरद*
⛅ *मास - अश्विन*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - षष्ठी पूर्ण रात्रि तक*
⛅ *नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 01:15 तक तत्पश्चात मूल*
⛅ *योग - सौभाग्य सुबह 07:02 तक तत्पश्चात शोभन*
⛅ *राहुकाल - शाम 04:44 से शाम 06:11 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:34*
⛅ *सूर्यास्त - 18:14*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - सरस्वती आवाहन-स्थापन, षष्ठी वृद्धि तिथि*
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *तीनों शक्तियों की आराधना के मूल मंत्रों का वर्णन*
👉🏻 *नवरात्रि में इनका यथासंभव जप करना चाहिए।*
➡ *१. दुर्गा जी का उत्तमोत्तम नवाक्षर मंत्र महामंत्र है। इसको मंत्रराज कहा गया है। नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।*
🌷 *“ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”*
➡ *२. लक्ष्मी जी का मूल मंत्र जिसके द्वारा कुबेर ने परमऐश्वर्य प्राप्त किया था ।*
🌷 *“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”*
➡ *३. सरस्वती जी का वैदिक अष्टाक्षर मूल मंत्र जिसे भगवान शिव ने कणादमुनि तथा गौतम को, श्रीनारायण ने वाल्मीकि को, ब्रह्मा जी ने भृगु को, भृगुमुनि ने शुक्राचार्य को, कश्यप ने बृहस्पति को दिया था जिसको सिद्ध करने से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है ।*
🌷 *“श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा”*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *किचन में दवाईयां रखने की आदत वास्तु के अनुसार बिलकुल गलत मानी जाती है। ऐसा करने से लोगों की सेहत में उतार-चढाव बना रहता हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *छठे दिन करें मां कात्यायनी का पूजन* 🌷
🙏🏻 *नवरात्रि के छठे दिन आदिशक्ति श्री दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विधान है। महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं।*
🙏🏻 *माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रत की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।*
➡ *उपाय- षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं व इसका दान भी करें। इस उपाय से धन आगमन के योग बनते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
⛅ *दिनांक 14 अक्टूबर 2018*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2075*
⛅ *शक संवत -1940*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शरद*
⛅ *मास - अश्विन*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - षष्ठी पूर्ण रात्रि तक*
⛅ *नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 01:15 तक तत्पश्चात मूल*
⛅ *योग - सौभाग्य सुबह 07:02 तक तत्पश्चात शोभन*
⛅ *राहुकाल - शाम 04:44 से शाम 06:11 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:34*
⛅ *सूर्यास्त - 18:14*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - सरस्वती आवाहन-स्थापन, षष्ठी वृद्धि तिथि*
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *तीनों शक्तियों की आराधना के मूल मंत्रों का वर्णन*
👉🏻 *नवरात्रि में इनका यथासंभव जप करना चाहिए।*
➡ *१. दुर्गा जी का उत्तमोत्तम नवाक्षर मंत्र महामंत्र है। इसको मंत्रराज कहा गया है। नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।*
🌷 *“ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”*
➡ *२. लक्ष्मी जी का मूल मंत्र जिसके द्वारा कुबेर ने परमऐश्वर्य प्राप्त किया था ।*
🌷 *“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”*
➡ *३. सरस्वती जी का वैदिक अष्टाक्षर मूल मंत्र जिसे भगवान शिव ने कणादमुनि तथा गौतम को, श्रीनारायण ने वाल्मीकि को, ब्रह्मा जी ने भृगु को, भृगुमुनि ने शुक्राचार्य को, कश्यप ने बृहस्पति को दिया था जिसको सिद्ध करने से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है ।*
🌷 *“श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा”*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *किचन में दवाईयां रखने की आदत वास्तु के अनुसार बिलकुल गलत मानी जाती है। ऐसा करने से लोगों की सेहत में उतार-चढाव बना रहता हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *छठे दिन करें मां कात्यायनी का पूजन* 🌷
🙏🏻 *नवरात्रि के छठे दिन आदिशक्ति श्री दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विधान है। महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं।*
🙏🏻 *माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रत की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।*
➡ *उपाय- षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं व इसका दान भी करें। इस उपाय से धन आगमन के योग बनते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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