.......... मधुश्रावणी व्रत .............
मधुश्रावणी मिथिला'क पावइन छै, मैथिलानि'क शिथिलता'क पावइन छै। .
नव विवाहिता'क पावइन छै स्त्रीगण पुरोहिता'क पावइन छै। .
भोला बाबा'क पावइन छै,
भुजल लाबा'क पावइन छै।
बिसहरि पूजबा'क पावइन छै, डाली सजबा'क पावइन छै।
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फूल लोरहबा'क पावइन छै, प्रकृति'क स्नेह ओरहबा'क पावइन छै। .
खिर घोरजौर'क पावइन छै,
नै बेसी त थोरबो थोर'क पावइन छै। .
बिसहरि बनेबा'क पावइन छै, गौड़ी'क मनेबा'क पावइन छै।
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नव दम्पति'क माधुर्यता'क पावइन छै, आपस में मधुरता'क पावइन छै।
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पर्यावरण सँ लगाव'क पावइन छै, समाज सँ जुड़ाव'क पावइन छै।
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सासुर सँ भार अयबा'क पावइन छै, भरि गाम खयबा'क पावइन छै।
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औंकरी बटबा'क पावइन छै, समधियाना'क दही कटबा'क पावइन छै। .
"मोहना'क" लिखबा'क पावइन छै, नवकी भौजी'क सिखबा'क पावइन छै। .
#हमर_रचना
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जय मिथिला
जय मैथिली।
मधुश्रावणी पावइन'क शुभकामना'क संग........
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