धिया पूता परदेश बसै छै गामक नहि छै ध्यान रे।
तैयो बुढिया कहै जे हम्मर बेटा सन नहि आन रे ।
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दुख काटि पोसल हम सबके कोन धरानी भरलउ फीस।
बौए के मुंह देखैत रहलउ कहियो ध्यान ने अपना दीस।
अखनो जितिया करैए बुढ़िया जाबत रहतै प्राण रे।
तैयो बुढिया कहै जे हम्मर बेटा सन नहि आन रे।
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दूनू परानी वसिया खोसिया धीया पूताके दूध मलाई।
पढ़ि पढ़ि सब भेल बड़का बाबू सूट बूट लगौने टाई।
बूढ़ वयस केथरी सीबै छै शितलहरीक ओरियान रे।
तैयो बुढिया कहै जे हम्मर बेटा सन नहि आन रे।
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सूखी रहू कतौ रहु बाबू हसैत खेलाईत रही सब दिन।
कहुंना कटिए जेतै बूढ़ापा आब रहब हम कतेक दिन।
बुढ़िया कहै छै सात पूत अछि केहेन हमर दियमान रे।
धिया पूता परदेश बसै छै गामक नहि छै ध्यान रे।
तैयो बुढिया कहै जे हम्मर बेटा सन नहि आन रे।
===============समाप्त=============
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